सिलसिला गांव में दर्दनाक हादसा, डबरी में डूबे दो मासूम : पोस्टमॉर्टम के लिए 10 हजार की मांग, शव ले जाने को नहीं मिली गाड़ी, बाइक पर ले गए मासूमों के शव


सिलसिला गांव में दर्दनाक हादसा, डबरी में डूबे दो मासूम

बाइक से दोनों बच्चों का शव लेकर जाते हुए परिजन। डूबने से दोनों की मौत हुई थी।
बाइक से दोनों बच्चों का शव लेकर जाते हुए परिजन। डूबने से दोनों की मौत हुई थी।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सिलसिला गांव में रविवार दोपहर एक हृदयविदारक घटना सामने आई। गांव के दो मासूम बच्चे खेलते-खेलते ट्यूबवेल के पास बने एक सोख्ता गड्ढे में गिरकर डूब गए। करीब दो घंटे की खोजबीन के बाद परिजनों ने दोनों के शव बाहर निकाले, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।


108 एंबुलेंस सेवा रही नदारद, परिजनों के कई कॉल बेअसर

बच्चों के डूबने की सूचना परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा को दी, लेकिन परिजनों का आरोप है कि 6-7 बार कॉल करने के बावजूद कोई मदद नहीं पहुंची। अंततः परिजन दोनों बच्चों के शव को बाइक पर रखकर रघुनाथपुर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।


हॉस्पिटल में नहीं हुआ पोस्टमॉर्टम, परिजन शव लेकर लौटे

हॉस्पिटल में बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया। प्रारंभिक तौर पर परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से मना कर दिया और बाइक पर ही शव लेकर वापस गांव लौट गए। बाद में पंचायत के सरपंच और पटवारी ने उन्हें समझाकर पोस्टमॉर्टम के लिए पुनः हॉस्पिटल भेजा।


परिजनों का गंभीर आरोप – पोस्टमॉर्टम के लिए मांगे गए थे 10-10 हजार रुपये

बच्चों के परिजनों ने रघुनाथपुर हॉस्पिटल के डॉक्टर अमन जायसवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने पोस्टमॉर्टम करने के लिए प्रति बच्चे 10-10 हजार रुपये की मांग की। कहा गया कि यदि कल पोस्टमॉर्टम कराया होता तो पैसे नहीं लगते।


विधायक के हस्तक्षेप के बाद पहुंचा प्रशासन, हुआ पोस्टमॉर्टम

स्थानीय लोगों ने जब यह जानकारी लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज को दी तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे। उनके निर्देश पर जनप्रतिनिधि और बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे हॉस्पिटल पहुंचे। इसके बाद दोनों बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराया गया।


BMO का बयान – डॉक्टर पर नहीं लगा आरोप, बिचौलिया बना विवाद की वजह

बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे ने बताया कि उन्होंने परिजनों से बात की, लेकिन किसी ने भी डॉक्टर द्वारा पैसे मांगने की पुष्टि नहीं की। उन्होंने बताया कि एक बिचौलिये ने डॉक्टर से कहा था कि बिना चीर-फाड़ किए रिपोर्ट दे दें और इसके बदले 5-10 हजार रुपये देने की बात की थी।

बीएमओ ने आगे बताया कि शव वाहन लुण्ड्रा से भेजा जा रहा था, लेकिन परिजन कहने लगे कि जब तक गाड़ी आएगी, वे बाइक से ही जल्दी घर पहुंच जाएंगे।

Source : Dainik Bhaskar

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